आज श्वेता शर्मा बात करेंगी उन दिनों की जब फ्री हो कर बाहर निकला जाता था और उसे भी आम बात समझा जाता था। कोरोना के बाद कैसा लग रहा है लोगों को बहार निकल कर। थिएटर जाकर। कैसे जब श्वेता वहां पहुंची तो खाली पड़ा था टिकट काउंटर और कैसे नए दौर में नए तरीके से अब एंटर हैं लोग थिएटर में। श्वेता हम सबको आज ये एहसास कराएंगी कि कितना बड़ा प्रिविलेज है बाहर निकलना, थिएटर जाना। आज की सीख है कि छोटे-छोटे लम्हों का अभी से खुल कर मज़ा लेना सीख लें।