आज बहुत दिन बाद श्वेता शर्मा आईं हैं सुनाने कि उन्हें कैसा महसूस हुआ। वो कहानी शुरू कर रही हैं अपने माता-पिता से - कि कैसे वही उनकी सोच-बुझ की नींव होते हुआ करते थे बचपन में। फिर वो केहेती हैं कि हम बड़े होते हैं और औरों को देखते हैं और हमारा दुनिया देखने का नज़रिया बदलता है। फिर अंत में ये समझ आता है कि माता-पिता जो कहते थे सही कहते थे। मगर कैसे बदली नवरात्री के व्रत रखने से श्वेता की ज़िन्दगी? ऐसा क्या हुआ कि उनके जीवन में एक नया turn आया, जानिए इस एपिसोड में