राग-संवेदन / २
My Podcast Site

राग-संवेदन / २

2010-03-23
राग-संवेदन / 2 . तुम — बजाओ साज़ दिल का, ज़िन्दगी का गीत मैं — गाऊँ! . उम्र यों ढलती रहे, उर में धड़कती साँस यह चलती रहे! दोनों हृदय में स्नेह की बाती लहर बलती रहे! जीवन्त प्राणों में परस्पर भावना - संवेदना पलती रहे! . तुम — सुनाओ इक कहानी प्यार की मोहक, सुन जिसे मैं — चैन से कुछ क्षण कि सो जाऊँ! दर्द सारा भूल कर मधु-स्वप्न में बेफ़िक्र खो जाऊँ! . तुम — बहाओ प्यार-जल की ...
View more
Comments (3)

More Episodes

All Episodes>>

Get this podcast on your phone, Free

Create Your Podcast In Minutes

  • Full-featured podcast site
  • Unlimited storage and bandwidth
  • Comprehensive podcast stats
  • Distribute to Apple Podcasts, Spotify, and more
  • Make money with your podcast
Get Started
It is Free