मोहनजी प्रशंसा के महत्व के विषय में बता रहे हैं। हम अपने जीवन , हमारे आस पास के लोगों एवं परिस्थितिओं की कितनी सराहना करते हैं ?जब हम जीवन के हर पहलू की प्रसंशा करते हैं तब जीवन चमत्कार रुपी ईंधन से परिपूर्ण हो जाता है।आइए , इस पॉडकास्ट के माध्यम से मोहनजी के इन विचारों की व्याख्या उनके ही शब्दों में सुनें ।