सैद्धांतिक तौर पर यह सौदा आसान नहीं हो सकता. दुनिया को रूसी हाइड्रोकार्बन से मुक्ति दिलाने के लिए अमेरिका को ईरान के तेल और गैस की जरूरत है. वहीं ईरान के लिए जरूरी है कि वे पाबंदियां खत्म हो जाएं जिनकी वजह से उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है.
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